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➡️ विपक्ष मुक्त संसद संविधान का अपमान है। ➡️ विपक्ष मुक्त संसद प्रजातंत्र का गला घोंटता है। ➡️ विपक्ष मुक्त संसद संसदीय मर्यादा का हनन है। Randeep Singh Surjewala जी

➡️ विपक्ष मुक्त संसद संविधान का अपमान है।
➡️ विपक्ष मुक्त संसद प्रजातंत्र का गला घोंटता है।
➡️ विपक्ष मुक्त संसद संसदीय मर्यादा का हनन है।

1. जब किसान आंदोलन में राजस्थान-हरियाणा-पंजाब व देश के किसानों को मोदी सरकार के लोग उग्रवादी-नक्सलवादी-अराजक तत्व बता रहे तो क्या वो किसान का अपमान नहीं था?

2. जब किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए तब संसद में उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए भाजपा-NDA का एक भी सांसद खड़ा नही हुआ था तो क्या वो किसान का अपमान नहीं था?
तब श्री राहुल गांधी व अन्य विपक्षी सांसदों ने उन्हें खड़े होकर श्रद्धांजलि दी थी। याद है या भूल गए।

3. जब किसानों को भाजपाई ने गाड़ी के नीचे कुचल कर मार डाला, जब दिल्ली के दरवाज़े पर उनके रास्ते में कीलें गाड़ी गई तो क्या ये किसानों का अपमान नहीं था।
तब किसानों का अपमान क्यों दिखाई नहीं दिया?

4.जब किसानों की पहलवान बेटियों का भाजपा के सांसद द्वारा यौन शोषण किया गया,
जब वो संसद के दरवाज़े पर न्याय के लिए सिसकती रही,
जब उन्हें भाजपा सरकार की पूलिस के द्वारा जूतों के नीचे रौंदा गया, जब उन्हे संसद के बाहर जंतर मंतर पर सड़कों पर घसीटा गया… तो किसानों का अपमान नहीं हुआ?

5. जब फ़ौज की सेवा करने वाले किसानों के भाई-बेटे-महिलायें देश की संसद के बाहर “वन रैंक, वन पेंशन” की गुहार लगा रहे थे तो 15 अगस्त से एक दिन पहले, 14 अगस्त की शाम को उन्हें जंतर मंतर की सड़कों पर घसीट कर अपमान किया, गिरफ़्तार किया तो किसानों की बेइज़्ज़ती नहीं हुई?
पद की गरिमा जाति से नहीं, कर्तव्य बोध से होती है।
जब संविधान पर सरकार ही आक्रमण कर रही तो उसका विरोध करना सच्ची देशभक्ति है।

जय हिन्द !

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